Yograj Singh: योगराज सिंह की अनकही कहानी बदला, क्रिकेट राजनीति और युवराज सिंह का उदय|

Riyajuddin Ansari
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साल 1982 का जब इंडियन क्रिकेट टीम के कप्तान कपिल देव के चंडीगढ़ वाले घर के बाहर उनका एक दोस्त अपनी पत्नी के साथ पिस्टल लेकर के कपिल देव को बाहर बुलाता है| और उनको दर्जन भर गालियां देकर के पूछता है कि उन्होंने उसको टीम में शामिल क्यों नहीं किया|


और यह सवाल पूछ कर वह उससे अपनी दोस्ती हमेशा के लिए तोड़ देता है| और एक ख्वाब देखा कि उसका बेटा वह सब सपने पूरे करेगा जो उसको करने चाहिए थे, कपिल देव के ये दोस्त थे Yograj Singh और जिस टीम में सिलेक्शन की बात वो कर रहे थे वह टीम थी नॉर्थ जोन और इंडियन क्रिकेट टीम|

योगराज को कपिल देव से इतनी नफरत क्यों? 

जब कपिल देव भारत के कप्तान बनते हैं तो उसके बाद होने वाले वेस्टइंडीज दौरे के लिए योगराज Yograj Singh को टीम में शामिल नहीं किया जाता है| यही से इन दोनों की दोस्ती में दरार पडनी शुरू हो जाती है| जिसका अंजाम भुगते हैं युवराज सिंह,और अपने फेबरेट स्पोर्ट स्केटिंग को छोड़कर के योगराज सिंह के दबाव में आकर क्रिकेट में अपना करियर बनाते हैं|


इसका मतलब यह है की भारत को दो वर्ल्ड कप जीताने वाला मैन ऑफ द टूर्नामेंट खिलाड़ी बदले की आग  की वजह से मिला था, जो आग लगाई थी योगराज सिंह ने पंजाबी फल्मो का सुपर स्टार लेकिन अपने अंदर एक कसक के साथ जीने वाला खिलाड़ी वह कसक जो नफरत में तब्दील, और जिस नफरत का लेवल पहले कपिल देव उसके बाद महेंद्र सिंह धोनी तक बढ़ जाती है|


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आज बात होगी Yograj Singh की कंट्रोवर्सी लेकिन इंटरेस्टिंग लाइफ जर्नी कि, यह आर्टिकल बहुत ही ज्यादा इंटरेस्टिंग होने वाली है| तो आप लोगों को इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना है,लेकिन साल 1977 में नागपुर में इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले मैच में Yograj Singh को कपिल देव की जगह इंडिया और अंडर 22 टीम के लिए चुना जाता है|


जहा योगराज दोनों पारियों में केवल 1 विकेट ले पाते है,जबकि उनके बल्ले से केवल 25 रन निकलते है जिसकी वजह से उनको इंडियन टीम के लिए कंसीडर नहीं किया जाता इसके बाद वो सुर्खियों में आते हैं जब 1979 में बोर्ड प्रेसिडेंट इलेवन के लिए खेलते हुए पाकिस्तान के खिलाफ 29 रन देकर तीन विकेट हासिल कर लेते हैं,यहां से उनके टैलेंट का पता चलता है|

योगराज का आखरी टेस्ट मैच 

और कुछ महीनो के बाद 1980 में दिसंबर के महीने में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू करते हैं इसमें वो 44 रन देकर दो विकेट अपने नाम करते हैं| उनके बोलिंग को देखते हुए उनको फरवरी में अगले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच खेलने का मौका मिलता है|


और यही उनका आखिरी टेस्ट भी होता है जिसमे वह केवल 1 विकेट हासिल करते हैं और इसी महीने वो न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ ही अपना आखरी वनडे भी खेलते है,उसके बाद उनको इंटरनेशनल करियर में मौका नहीं मिलता और इंजरी की वजह से भी वह क्रिकेट से दूर तोते चले गए|


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यह था उनका एक छोटा सा क्रिकेटिंग करियर लेकिन उसके बाद जो तूफान अपने बयानों से लेकर के आते हैं वो आज तक थमने का नाम नहीं ले रहा है| कपिल देव वाली जिस घटना की बात हमने की थी उसके बाद वो युवराज को बहुत ही कठिन क्रिकेट ट्रेनिंग देते है इसकी बात सिद्धू ने कई बार की सवेरे सवेरे अंधेरे में उठकर रनिंग लेदर बॉल से ट्रेनिंग और भी बहुत कुछ|


जिसकी वजह से युवराज सिंह वो चीज हासिल नहीं कर पाए जिनके बचपन का ख्वाब होता है वह है एक पिता की मोहब्बत क्योकि Yograj Singh, युवराज को कपिल देव से बड़ा ऑलराउंडर बनाना चाहते थे| लेकिन उनकी पत्नी यानि युवराज सिंह की मां शबनम इस चीज का हमेशा विरोध करती की ये एक छोटे बच्चे पर इतना ज्यादा दबाव डालना सही नहीं है|

बदले की आग में बीबी को झोका  

लेकिन Yograj Singh पर भूत स्वर था कपिल देव से बदला लेने का इसलिए उन्होंने अपनी वाइफ की नहीं सुनी और इसका खामियाज़ा उनको तलाक के तौर पर भोगना पड़ा, और युवराज सिंह अपनी मां के साथ रहने लगे|और क्रिकेटिंग करियर के खात्मे के बाद उन्होंने पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री की तरफ अपना रूख किया और 1983 में बंटवारा मूवी में जनरल का रोल अदा किया|


उसके बाद हर दूसरे साल उनकी मूवी आती रही जिसमें उनकी दमदार एक्टिंग ने उनको पंजाबी मूवीज का सुपरस्टार बना दिया इसके अलावा उन्होंने इंसाफ की देवी मूवी से हिंदी फिल्म में भी कदम रखा, लेकिन Yograj Singh से जब भी क्रिकेट से सम्बंधित कोई सवाल किया जाता है तो उसको कहीं ना कहीं एक कंट्रोवर्शियल बातचीत में बदलने का दम रखते हैं|


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स्कूल लेवल से क्रिकेटिंग करियर को एक साथ शुरू करने वाले योगराज और कपिल देव अच्छे दोस्त हुआ करते थे| लेकिन कपिल ने स्किल के मामले में योगराज को पीछे कर दिया था|और कप्तान बनते ही उनको टीम में शामिल करने पर जोर भी नहीं दिया अपने क्रिकेट करियर के खात्मे का जिम्मेदार कपिल देव को मानने वाले Yograj Singh ने कई बार यह दावा किया है कि कपिल देव ने उनके क्रिकेट करियर को बर्बाद किया|


1980 में जब कपिल देव टीम के लीडर बने तब Yograj Singh का मानना था की कपिल देव ने उन्हें जान बूझ कर इंडियन टीम और नार्थ ज़ोन स्क्वाड से बाहर करवाया उनके मुताबिक कपिल ने उन्हें जानबूझकर पीछे किया ताकि वह आगे ना बढ़ पाए|कपिल के इस फैसले पर Yograj Singh की बीबी शबनम सिंह ने कहा की उनको कपिल देव से इस बारे में बात करनी चाहिए|

बंदूक लेकर पहुचे कपिल देव के घर 

अब ये तो पता नहीं की कपिल ने वाकई ऐसा किया था या नहीं,लेकिन ये बात साफ़ है Yograj इस बात को आज तक दिल से नहीं निकाल पाए, उसके बाद उन्होंने जो फैसला किया उसका जिक्र आप इस अर्तिक्ल की शुरुआत में पढ़ चुके हैं|जिसको उन्होंने एक वीडियो में एडमिट भी किया एक बार वो कपिल देव के घर तक बंदूक लेकर गए थे पूरी तैयारी थी के हिसाब किताब बराबर कर देंगे|


लेकिन जैसे ही दरवाजा खुला और सामने कपिल की मां आ गई तो योगराज का दिल पिघल गया,सोचिये अगर उस दिन योगराज गुस्से में अगर अपना आपा खो बैठते तो सायद भारतिय क्रिकेट का इतिहास कुछ और ही होता,Yograj Singh की नाराज़गी कपिल देव से सिर्फ उनकी खुद की क्रिकेटिंग करियर तक ही सिमित नहीं रही बल्कि उन्होंने कपिल के लेगेसी पर भी सवाल उठा दिए|


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Yograj Singh ने कई बार दावा किया की उनके बड़े बेटे युवराज सिंह ने कपिल देव से ज्यादा बड़ी लेगेसी बनाई, उनका कहना था की कपिल ने सिर्फ एक वर्ल्ड कप जीता लेकिन युवराज ने 13 मेजर ट्रॉफी जीती है, उनके अंदर कपिल देव को लेकर इतनी भड़ास भरी हुई है,की वो अपने अकेडमी में भी ऑलराउंडर्स को भी अच्छे से तैयार करते हैं|


ताकि एक और युवराज सिंह देश को दे सके केवल इस लिए नहीं के वो अच्छा करे, अच्छा नाम कमाए बल्कि इसलिए भी की वो फिर से कपिल को उनकी गलती का एहसास कराए,इस सिलसिले में उन्होंने अर्जुन तेंदुलकर को भी कोचिंग दी और उनको एक नया नाम दे दिया हीरे की खान में कोयला,अब जब इतनी बातें हो रही थी तो कपिल देव से भी सवाल पूछा गया की योगराज सिंह के बारे में उनकी क्या राय है|

कपिल देव की राय 

लेकिन कपिल ने इसे पूरी तरह से इग्नोर करते हुए एक लीजेंडरी रिप्लाई दिया कौन है ये बस इतना कह कर उन्होंने इस मामले को वहीं खत्म कर दिया|इस जबाब से साफ़ था की कपिल देव इन कंट्रोवर्सी को तवज्जु नहीं दे रहे थे लेकिन इस कन्ट्रोवर्सी पर हमारी राय है योगराज सिंह और कपिल देव की दुश्मनी भले ही दसको पुराणी हो लेकिन इसमें ज्यादा नुकसान सिर्फ Yograj Singh का हुआ है|


कपिल देव ने हमेशा डिग्निटी मेंटेन की और ऐसी बातों में इंटरेस्ट दिखाया ही नहीं दूसरी तरफ योगराज अपने पुराने गिले सिक्वे बार बार उठा कर खुद को नुकसान पहुंचाते रहे, जिसकी वजह से युवराज सिंह जैसे खिलाड़ी को कई बार मुश्किल सवालों से गुजरना पड़ता है| अब सवाल यह है की क्या यह सिर्फ पब्लिसिटी था या वाकई Yograj Singh आज तक कपिल देव से नाराज है|


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Yograj Singh का सबसे बड़ा आरोप यही रहा है की एम एस धोनी ने जान बूझकर के युवराज सिंह को टीम से बाहर रक्खा खास करके 2014 के बाद उन्होंने कहा था उस आदमी ने मेरे बेटे का करियर बर्बाद कर दिया अगर धोनी पॉलिटिक्स नहीं करता तो युवराज चार-पांच साल और इंडिया के लिए खेल सकता था|युवराज जो 2011 वर्ल्ड कप के हीरो थे, कैंसर से लड़कर वापसी कर चुके थे|

धोनी से घृणा 

लेकिन उन्हें धोनी की कप्तानी में ज्यादा मौके नहीं मिले Yograj Singh का दावा था की धोनी ने जान बूझ कर उन्हें टीम से बाहर रक्खा लेकिन युवराज सिंह ने अपना आखिरी वनडे 2017 में खेला था और उस समय कप्तान थे विराट कोहली और युवराज सिंह बताते है की धोनी ने उनको पहले इस बात को लेकर निश्चिंत कर दिया था की कप्तान और सिलेक्टर युवराज सिंह को लेकर और आगे नहीं जाना चाहते|

 

लेकिन युवराज सिंह के परम पूजने पिताजी इस पर भी विराट कोहली के बजाय धोनी को डाटते हुए नजर आते हैं, Yograj Singh की धोनी के लिए नफरत इस हद तक है की उन्होंने खुलेआम कहा की वो उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा मैंने आज तक किसी को माफ नहीं किया जिसने मेरे साथ गलत किया फिर चाहे वो मेरा खुद का परिवार ही क्यों ना हो|


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धोनी को भी मै कभी माफ़ नहीं करूंगा उसे आईने में अपनी शक्ल देखनी चाहिए जब उनसे पूछा गया ऐसी क्या वजह लगती है कि महेंद्र सिंह धोनी युवराज सिंह को 2011 के बाद टीम का परमामेंट मेम्बर नहीं बनना चाहते थे,इस पर उनका जबाब यह था की आरोप यह था की एमएस धोनी युवराज की सफलता से जलते थे उन्होंने कहा युवराज 2007 T20 वर्ल्ड कप और 2011 वर्ल्ड कप के हीरो थे|


और यह बात धोनी को पसंद नहीं आई उनके मुताबिक धोनी को डर था, कि अगर युवराज टीम में रहे तो वो कभी खुद को सबसे बड़ा मैच विनर साबित नहीं कर पाएंगे, इस तरह से कपिल देव की तरह महेंद्र सिंह धोनी भी Yograj Singh की परमानेंट हिटलिस्ट में शामिल हो गए|

युवराज 2015 की टीम का हिस्सा क्यों नही बने 

जब 2024 में चेन्नई सुपर किंग्स अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए तो Yograj Singh ने इसे भी धोनी से जोड़ दिया उन्होंने कहा धोनी ने जो युवराज के साथ किया वह उनके सामने आ रहा है| उसे अपने कर्मों का फल मिल रहा है,इसलिए CSK हार रही है|युवराज को 2015 की टीम में शामिल होने की पैरवी बहुत सारे खिलाड़ियों ने की उनमें हर कोई चाहता था युवराज 2015 में होने चाहिए थे|


लेकिन ऐसा नहीं हुआ 2013 में युवराज सिंह ने केवल 19 की औसत के साथ वनडे क्रिकेट में रन बनाए जिसमे केवल 2 फिफ्टी उनके बल्ले से निकली और 2014 के T20 वर्ल्ड कप में भी उनका परफॉर्मेंस इतना कुछ खास नहीं रहा इसलिए उनको 2015 की टीम में सामिल नहीं किया गया इसके अलावा इनका आईपीएल का सीजन भी अच्छे नहीं जा रहे थे|


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अब यहाँ पर युवराज सिंह के स्टारडम उनके सेक्रिफाईजेज की तोहिंन नहीं कर रहे बल्कि उन आंकड़ों को सामने रख रहे है जिनकी वजह से युवराज 2015 का वर्ल्ड कप नहीं खेल पाए|उसके अगले वर्ल्ड कप यानि 2019 वर्ल्ड कप को लेकर Yograj Singh का सबसे चौंकाने वाला बयान यह था की धोनी ने 2019 वर्ल्ड कप के सेमी फाइनल में न्यूजिलेंड के खिलाफ जान बूझकर इंडिया को हराने की प्लानिंग की थी|


उन्होंने आरोप लगाया की धोनी ने कुछ पोलिटिकल वज़ह से ऐसा किया जिससे की कुछ खिलाड़ियों का करियर खत्म हो जाए|आप में से बहुत से लोग अलग-अलग खिलाड़ियों के फैन होंगे लेकिन जब बात आती है वर्ल्ड कप 2007 और 2011 की या 2000 के दशक में हमारे बचपन के दौर की तो बिना किसी डाउट के  युवराज सिंह हम सभी के फेवरेट है और हमेशा रहेंगे|

योगराज की हरकतों का जबाब युवराज को देना पड़ता है 

तो आपको क्या लगता है क्या धोनी ने सच में युवराज को बाहर किया था या यह सिर्फ एक पिता का गुस्सा था ये विवाद जब भी खड़े होते है तो योगराज भूल जाते है वह एक ऐसे खिलाड़ी एक ऐसे सुपरस्टार के पिता है जो 24 घंटे लाइम लाइट में रहते हैं| उनकी हरकतों का जवाब आखिर कार युवराज सिंह को ही देना पड़ता है| उन्होंने पॉडकास्ट में बोला है की उनके पिता को जेहनी तौर पर कुछ समस्याए है|


लेकिन जब बात नार्मल कंनवर सेशन की आती है तब Yograj Singh को देखकर ऐसा लगता है की वो पूरी तरीके से ठीक है तो ऐसे में सारा दबाव सब कुछ युवराज सिंह को पड़ता है| Yograj Singh को अपने बेटे पर दबाव डालना कोई नई बात नहीं उन्होंने खुद माना है की अपने अधूरे सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने युवराज जो क्रिकेट में झोक दिया|


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इसमें कोई शक नहीं युवराज की कामयाबी ने पूरे देश को गर्व महसूस करवाया लेकिन योगराज के विवादित बयान अकसर इस फ़क्र के लम्हों पर पानी फेर देते थे 2011 में जब युवराज ने भारत को वर्ल्ड कप जीतने में अहम् रोल निभाया था तब योगराज ने कपिल देव को अखबार के कटिंग भेज कर तंज कसा था इसे युवराज की तारीफों से ज्यादा सुर्खियां उनके पिता की पुरानी दुश्मनी ने बटोरी|


यही वो पैटर्न है जब बार बार देखने को मिला योगराज की शाख्ती ने युवराज की मेहनत और डिसिप्लिन को गढा लेकिन उनके बयानों ने कई बार उनके बेटे की लेगेसी को एक निजी लड़ाई का मैदान बना दिया अभी तक उनकी लड़ाई कपिल देव और धोनी से क्रिकेट के दरमियाँन नहीं थी लेकिन जनवरी में दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कंट्रोवर्सी की एक नई फील्ड में सक्सेसफुल एंट्री की वो फील्ड थी फेमिनिज्म और मदर टंग|

नारीवाद और मात्रभाषा का विवाद

Yograj Singh ने हिंदी भाषा को लेकर के कुछ ऐसा कह दिया जिसने जबरजस्त विवाद खड़ा कर दिया एक पोर्द्कास्ट में बात करते हुए योगराज सिंह ने हिंदी भाषा को औरतों की भाषा कह दिया उन्होंने कहा मुझे तो हिंदी भाषा ऐसी लगती है जैसे कोई औरत बोल रही है,इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा की जब कोई मर्द हिंदी बोलता है तो अजीब लगता है|


उन्होंने ने हिंदी की तुलना पंजाबी से करते हुए कहा कि पंजाबी एक मर्दों की भाषा है उसमें जोश और दम है जबकि हिंदी उन्हें नर्म और फेमिनाईल लगती है|बस उसके बाद क्या होना था पूरा का पूरा नॉर्थ इंडिया Yograj Singh के खिलाफ खड़ा हो गया, बहुत से लोगों को जैसे कि मनोज मंतशा ने रामायण महाभारत की भाषा का हवाला देते हुए  Yograj Singh को घेर दिया|


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इसी पोर्टकास्ट में उन्होंने पूरी औरत समाज की दुश्मनी और नफरत मोल लेने का कारनामा अंजाम दिया उन्होंने बोला अगर औरतो को ताकत दे दी जाए तो वो सब बर्बाद कर देंगी उन्होंने इंदिरा गांधी का एग्जांपल देते हुए कहा की उनकी लीडरशिप में देश को नुकसान हुआ उन्होंने यह भी कहा कि औरतों को प्यार सम्मान और इज्जत दो लेकिन पावर मत दो|


ऐसे बयान पर बवाल तो होना ही था सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर के Yograj Singh की खींचाई की कई यूजर्स और एक्टिविस्ट ने यह तक कह दिया की ऐसे आउटडेटेड सोच वाले बयान बहुत टॉक्सिक होते हैं| और समिति को पीछे ले जाते हैं|Yograj Singh की कहानी एक ऐसे इंशान की है जिसने एक क्रिकेटर से लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले विवादित शख्स का सफर तय किया|

इन विवादों का युवराज के जीवन पर असर 

उनका गुस्सा और अपनी पहचान बनाए रखने की जस्तो जहत कही ना कही उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी दिक्कत बन गई| धोनी और कपिलदेव पर उनके ताने सिर्फ निजी नाराजगी का नतीजा नहीं थे बल्कि इंडियन क्रिकेट के उस कॉम्पिटेटिव माहौल को भी दिखाते हैं जहां हर किसी को खुद को साबित करने की जंग लड़नी पड़ती है|लेकिन इससे भी ज्यादा डीस्टर्बिंग उनकी कुछ रेग्रेसिव सोच चाहे वो जेंडर को लेकर हो या फिर भाषा को लेकर उनके पुराने ख्याल आज की बदलती दुनिया में योगराज सिंह की यह बातें उन्हें एक आउटडेटेट सोच वाला इंसान बना देती है|


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युवराज सिंह के लिगेसी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा लेकिन Yograj Singh की पहचान अब एक सबक बन गई कि अगर पास्ट के अनुसार इश्यूज को संभाला न जाए तो वो इंसान के प्रेजेंट और फ्यूचर दोनों को ओवर सेडो कर सकते हैं| इस मामले पर सबसे बड़ा टेकअवे ये है की सुलाह सफाई जरूरी होती है|वर्ना विवादों का ये सिलसिला कभी भी खत्म नहीं होता|


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